Wednesday, June 22, 2011

Translated poems (Soft Touch)

सौम्य स्पर्श 

यदि तुम्हें मुझसे प्रेम करने की अभिलाषा है
तो मुझे स्वीकार करो
यदि तुम मुझपर विश्वास करना चाहती हो 
तो करो, बिना किसी तर्क के
 यदि तुम मुझे प्रेम-स्पर्श देना चाहती हो 
तो स्पर्श करो मुझे अपने नेत्रों से 
बिना प्रश्न किये
क्यूंकि
एक दिन मेरा प्रेम प्रकट होगा 
मेरा आवेग उभरेगा
मेरा हृदय समृद्ध हो जायेगा
मेरा उत्साह बढेगा तुम्हारे लिए
परन्तु
यदि तुम नहीं कर सकतीं मेरी प्रतीक्षा
तो बिना दुविधा 
मुझसे विदा लो
क्यूंकि जब भी में इच्छुक रहूँगा 
सृजन कर सकता हूँ तुम्हारा  
-अशोक भार्गव की कविता ' सोफ्ट टच' से अनुवादित 
        

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