Saturday, January 1, 2011

चाँद
यह रात और मेरे साथ चलता चाँद,
भागती हुई ज़िन्दगी के साथ भागता चाँद,
चमकते रास्तों से दूर फिर भी दिलों में पिघलता चाँद,
जाहिल रात की कलि सलेट पे ज़हीन सा सिफ़र चाँद,
सयानों की दुनिया में दीवाना बनाता चाँद,
खूबसूरत को बदसूरत और बदसूरती को खूबसूरत करता चाँद,
उम्र के साथ बदलता चाँद,
मेरी आँखों से तेरी आँखों तक पहुँचता चाँद,
यादों को गाढ़ा और फासलों को महीन करता चाँद,
नींद में दफ़न रात को कफ़न करता चाँद|
-विजया

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