मै और तुम
जैसे छोटी नदियों का समावेश होता है बड़ी नदियों में
और बड़ी नदियों का सागर में
जैसे वायु का समावेश होता है पुष्पों की सुगंध में
और पुष्पों का प्रेमियों में
प्रकृति की हर वस्तु का समावेश होता है एक दूसरे में
तो मेरा और तुम्हारा क्यूँ नहीं?
-अशोक भार्गव की अंग्रेजी कविता 'यू एंड मी' से अनुवादित
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